आज सुबह की कैबिनेटबैठक मे भारत मे कोल गैस उत्पादन को मंजूरी दे दी है
क्या है प्रक्रिया कोल गैसीफिकेशन
कोल गैस बनाने की विधि को कोल गैसीफिकेशन कहते है यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे कोयले को ऊर्जा उत्पादन के लिए पूरी तरह से जलाया नहीं जाता बल्कि उसको धीरे धीरे गर्म करके गैस मे बदल दिया जाता है ऐसा करने से कोयले की कुछ ऊर्जा को गैस के रूप मे बदला जाता है इस प्रक्रिया मे कोयला गैस रहित हो जाता है जिसमे इसको दूसरे उद्योग मे बिना धुए वाली जगहों पर जलाया जाता है
कहाँ होता है कोल गैस का उपयोग
कोल गैस को भिन्न भिन्न उद्योग जैसे सीमेंट निर्माण, बिजली बनाने, धातु उत्पादन मे अपचायक के रूप मे किया जाता है कोल गैस एक धुआँ रहित औऱ बिना किसी अवशेष छोड़े जलता है कोल गैस को भाप के साथ मिला कर इधन गैस का उत्पादन किया जा सकता है
भारत मे कैसा है कोल गैस का उत्पादन
भारत की बात करें तो यहाँ भी काफ़ी समय से कोल गैस का उत्पादन किया जा रहा है एक अनुमान के अनुसार 1960से भारत मे कोल गैस को भारत मे बनाया जा रहा है सबसे पहले झारखण्ड मे सबसे पहले कोल गैस को बनाने की यूनिट खोली गई थी जो कुछ समय बाद बंद कर दी गई
अभी तमिलनाडु की त्रिची मे एक गैस प्लांट खोला गाया है जिसमे 6.2 मेगावा ट बिजली का उत्पादन हो रहा है यह बता दे की अभी भी भारत मे इस तकनीक को काफ़ी कम मात्रा मे उपयोग किया जा रहा है फिलहाल चाइना सबसे ज्यादा इस तकनीक को उपयोग कर रहा है
किसने दिखाई है रूचि
हाल के दिनों मे अडानी ग्रुप मे ने इस उत्पादन मे निवेश के लिए रूचि दिखाई है आपको बता दे की कोल गैस बनाए जाने के आलावा एक अन्य बहुप्रतिक्षित परियोजना जिसको बुधवार सुबह कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर यानी CCEA की 24 जनवरी को सुबह मीटिंग में यह फैसला लिया है. साथ ही करीब 6000 करोड़ रुपए के विजिविलिटी गैप फंडिंग (VGF) को भी कैबिनेट ने हरी झंडी दिखाई है.खबर के नुसार इस सारे प्रोजेक्ट मे निवेश लगभग 50 प्रतिशत का भाग प्राइवेट कंपनी से लिया जायेगा VGA का 50 प्रतिशत मे एल एंड टी को पार्टनर के तोर पर चुना है बाकि 50 प्रतिशत की हिस्से दरी सरकारी खजाने से दिया जायगा
कोल गैस का कब त शुरू होगा उत्पादन
सूत्र बताते है की यदि सब कुछ ठीक रहता है तो अगले 2 से 3 महीनों मे कोल गैस का उत्पादन होना संभव है