कंक्रीट मे होगा ग्रेफिन का प्रयोग , कंक्रीट होगा 25 फिसद तक हलका परन्तु मजबूती वही, प्राकृतिक रेत पर निर्भरता होंगी कम इसका दावा एसीएस एप्लाइड मैटेरियल्स एंड इंटरफेसेज जर्नल मे प्रकाशित एक लेख मे किया गया है
Image by-Amazon. Com
नरल में प्रकाशित खबर के अनुसार कोयला कोक एवं धातु कर्म के प्रक्रमों से प्राप्त ग्राफीन का उपयोग प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाली रेत की जगह आसानी से उपयोग किया जा सकता है इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह ना केवल प्रकृति रेत के उपयोग को कम किया जा सकेगा बल्कि बनने वाले कंक्रीट को 25% तक हल्का किया जाएगा परंतु उसकी मजबूती पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
राइस विश्वविद्यालय के टी. टी. और डब्ल्यू. एफ. चाओ प्रोफेसर और रसायन विज्ञान, सामग्री विज्ञान और नैनोइंजीनियरिंग के प्रोफेसर जेम्स टूर ने कहा की ग्राफीन का उपयोग कंक्रीट इंडस्ट्री में उपयुक्त एग्रीगेट के रूप में किया जाता है तो कंक्रीट कंक्रीट से बनने वाले स्ट्रक्चर के भार को काफ़ी हद तक काम किया जा सकता है इस हलके कंक्रीट की सामर्थ्य पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है
एक अनुमान के अनुसार आने वाले 25 वर्षों में सारी दुनिया की आबादी का 68% शहरी आबादी होगी शहर में कंकरीट स्ट्रक्चर्स बनाने के लिए रेत की बेतहाशा जरूरत होगी ऐसा पिछले दो दशकों के डेटा के आधार पर अनुमान लगाया गया है जो पिछले दो दशकों में तीन गुना लगभग 50 बिलीयन टन वार्षिक हो गया था एक दूसरा पक्ष कार्बन उत्सर्जन जो कंक्रीट उद्योग से 8 प्रतिशत है इसको कम करने मे भी मदद मिल सकती है
रेत पर निर्भरता कम करने का सबसे बड़ा फायदा नदी के परिस्थितिक तंत्र को होगा जो लगातार रेत खनन से नष्ट हो जाता है बढ़ती आबादी के बीच भविष्य मे रेत संकट का कारण बन सकता है मेटलर्जिकल कोक के लिए अपनी सिग्नेचर जूल-हीटिंग तकनीक को लागू करते हुए, टूर लैब ने एक प्रकार का ग्राफीन बनाया है जो कंक्रीट में रेत के विकल्प के रूप में कार्य कर सकता है शुरुआती प्रयोग में जहां धातु कर्म से प्राप्त कोको का उपयोग ग्राफीन बनाने में किया गया और उसका प्रयोग निर्माण उद्योग में किया गया इसका परी इसके परिणाम के संबंध में राइस डायरेक्टरेट अध्ययन के प्रमुख लेखक पोल अडवीनकुला ने कहां की हमने कंक्रीट से रेत को पूरी तरह से हटा कर धातुकर्म वाले ग्रेफीन को उपयोग किया जिसका परिणाम संतोषजनक है
ग्राफीन एग्रीगेट से बने कंक्रीट का पारंपरिक कंक्रीट से आत्मक अध्ययन करने से पता चलता है कि ग्राफीन आधारित कंक्रीट न केवल प्राकृतिक रेत वाले कंक्रीट के यांत्रिक गुणो से मेल खाते हैं बल्कि उच्च समर्थ भी प्रदर्शित करता है ग्राफीन बनाने के लिए हाइब्रिड कार्बन नैनोमेटेरियल्स, बैटरी पार्ट रीसाइकलिंग भारी धातुओं को हटाने सहित विभिन्न अनुप्रयोगों में फ्लैश जूल हीटिंग तकनीक का उपयोग किया गया है ग्राफीन उत्पादन के अन्य वीडियो की अपेक्षा यह अधिक मात्रा में उच्च गुणवत्ता वाली ग्राफीन को उत्पन्न करती है ग्राफीन के व्यापक उपयोग के लिए इसके कीमत को कम करने में कुछ समय लगेगा बाकी इसे प्रैक्टिकली use किया जा सके